मेरठ के बारे में कुछ रोचक बाते – Meerut facts in hindi
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Meerut facts in hindi – मेरठ का नाम सुनते ही लोगो के मन मे अनेक सवाल आते हैं, जी हाँ मेरठ अपने आप मे बहुत बड़ा इतिहास समेटे हुए हैं, उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित मेरठ काफी विकसित जिला है, जो दिल्ली से 72 km की दूरी पर हैं , जब बात आती हैं, भारत की क्रांति की तब भी मेरठ के नाम आता हैं तो आज के इस लेख में हम जानेंगे मेरठ कि कुछ ऐसी बाते जो आप नही जानते।
1. मेरठ दो पवित्र नदियो युमना और गंगा के बीच बसा एक प्रसिद्ध शहर हैं, भारत की क्रांति मेरठ से शुरू हुई थीं।
2. मेरठ का नाम उत्त्पति मयराष्ट्र से हुई, रामायण के अनुसार कहा जाता है, रावण के ससुर मय दानव के नाम पर ही मयराष्ट्र नाम पड़ा , रावण के ससुर मय दानव यही के रहने वाले थे।
3. 1857 की क्रांति की चिंगारी यही से शुरू हुई थीं अंग्रेजो के सत्तासीन होने के बाद मेरठ एक बड़ी सेना का केंद्र रहा, 10 May 1957 को अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह यही से आरम्भ हुआ, यह आन्दोलन इतनी तेजी से आरंभ हुआ, एक दिन में पूरे मेरठ शहर पर नियंत्रण कर लिया था और उसके उपरांत दिल्ली के लाल किले पर रुख कर लिया, जो कि संपूर्ण भारत पर नियंत्रण का उदाहरण था।
4. मेरठ में एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय जी हाँ, मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी एशिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी हैं। जहाँ पर बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
5. कहा जाता है, की 1940 के दशकों में मेरठ के सभी सिनेमाघरों में ब्रिटिश राष्ट्रगान के समय हिलना डुलना सख्त मना था।
6. मेरठ के बरनावा में दुर्योधन ने लाक्षागृह ( यह एक गुफा थीं ) का निमार्ण कराया था जो कि पांडवो को जीवित जलाने के लिए बनाया था, यह बरनावा में स्थित हैं। जो कि मेरठ बड़ौत मार्ग पर पड़ता हैं।
7. श्रवण कुमार के माता पिता की मृत्यु यहीँ पर हुई थी, दरअसल रामायण में वर्णित श्रवण कुमार अपने बूढ़े माता पिता जो कि नेत्रहीन थे उनको तीर्थ यात्रा पर ले जा रहे थे, तो उन्होंने यहीँ पर विश्राम किया था और श्रवण अपने माता पिता को पानी लेने एक जलाशय के पास गया था और जैसे ही श्रवण कुमार ने पानी भरने के लिए बर्तन को जलाशय में डाला तो वहीँ पर आखेट पर निकले राजा दशरथ को लगा कोई जानवर हैं और
उन्होंने श्रवण कुमार पर तीर चला दिए जिसके कारण श्रवण कुमार कि वहीँ पर मृत्यु हो गयी और श्रवण कुमार के माता पिता भी भूखे प्यासे तड़प तड़प के उनकी भी मृत्यु हो गयी थीं और उन्होंने श्राप दिया, था जिस प्रकार हम पुत्र वियोग में मर रहे हैं, उसी प्रकार तुम भी अपने पुत्र वियोग में मरोंगे।
क्या आप जानते हैं, मेरठ का सर्राफा बाजार एशिया का No. 1 बाजार हैं। ये सोने का बाजार हैं, यहां पर गहने एवं सभी प्रकार के ज्वैलर्स मिलते हैं।
औघड़नाथ मंदिर – Meerut facts in hindi
औघड़नाथ का मंदिर मेरठ का एक प्रसिद्ध मंदिर हैं, इसे काली पलटन का मंदिर भी कहा जाता हैं, यह मंदिर भगवान शिव को समपिर्त हैं , यहाँ पर सावन में जब कावड़िया हरिद्वार जाते है, तो यहाँ पर मेरठ के सभी कावड़िया जल चढ़ाते हैं।
पूरा महादेव का मंदिर – Meerut facts in hindi
पूरा महा देव का मंदिर शिव भगवान का मंदिर हैं, ये बहुत पुराना मंदिर हैं, कहा जाता हैं, की इस मंदिर का निमार्ण जब हुआ था जब एक बार परशुराम शिव भगवान की शिवलिंग ले जा रहे थे तो उन्होंने यहां पर विश्राम किया था और शिवलिंग यहाँ पर रख दी थी, और उसके बाद परशुराम पर शिवलिंग नही उठी और यही पर रह गई, तब ही से यहाँ पर मंदिर का निमार्ण हो गया, यहाँ पर शिवरात्रि पर बहुत भीड़ होती हैं। और सभी शिवभक्त यहाँ पर जल चढ़ाते हैं।
सेंट जॉन चर्च – Meerut facts in hindi
यह मेरठ के एक सरधना शहर में हैं, यह एक प्राचीन चर्च हैं। यहाँ पर दूर दूर से इस चर्च को देखने आते हैं। इस चर्च का निमार्ण अंग्रेजो द्वारा सन 1819 में कराया गया था। ये बहुत बड़ा चर्च हैं, अगर मेरठ की खास स्थल की बात की जाती हैं, तो सबसे पहले इस चर्च का नाम आता हैं।
हस्तिनापुर – Meerut facts in hindi
हस्तिनापुर मेरठ का बहुत पुराना शहर हैं, हस्तिनापुर महाभारत कालीन नगर हैं, यह कुरु की राजधानी रही थीं यह नगर कौरवो और पांडवो का इतिहास समेटे हुए हैं। यहाँ से बहुत पुराने अवशेष मिले हैं, हस्तिनापुर को उल्टा किला के नाम से भी जाना जाता हैं। यहाँ पर देखने के लिए बहुत अच्छे अच्छे स्थल हैं। यहाँ पर जम्बूद्वीप स्थित हैं, जो कि 7 मंजिल एक बहुत ही रोचक इमारत हैं। और यहाँ पर एक ध्यान मंदिर हैं। जिसमे लोग ध्यान लगाते हैं।
भोला की झाल – Meerut facts in hindi
मेरठ में एक गांव भोला हैं, जो कि भोला की झाल से मशहूर हैं, यहाँ पर लोग स्नान करने आते हैं, दरअसल यहाँ पर एक नहर हैं, उस नहर से बहुत सारी छोटी छोटी नहरों निकली हुई हैं। यहाँ पर एक बिजली घर भी हैं, जिसमे बहुत बड़ी बड़ी मशीने हैं, इनसे बिजली का निमार्ण होता हैं।
मेरठ कॉलेज – Meerut facts in hindi
मेरठ कॉलेज बहुत पुराना विश्वविद्यालय हैं, जिसकी स्थापना 1892 में हुई थी, यह 15 जुलाई को मेरठ कॉलेज की स्थापना हुए 129 साल हो गए है, दोस्तो मेरठ कॉलेज चौधरी चरण यूनिवर्सिटी से भी बहुत पुराना हैं सबसे पहले मेरठ कॉलेज कलकत्ता विश्वविद्यालय से जुड़ा हुआ था। इसके बाद आगरा यूनिवर्सिटी से जुड़ा रहा और अब चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ हैं।
मेरठ के उपनाम – Meerut facts in hindi
मेरठ को कैंचियों का शहर भी कहा जाता हैं, यहाँ पर बड़े तौर पर कैंचियों का उद्योग होता हैं। यहाँ से बहुत दूर दूर तक कैंचियों का व्यापार होता हैं।
मेरठ को भारत का खेल नगर भी कहते हैं, यहाँ पर देश विदेश से खिलाड़ी खेल के समान लेने आते हैं।
1940 के दशकों में मेरठ के सभी सिनेमाघरों में ब्रिटिश राष्ट्रगान के समय हिलना डुलना सख्त मना था।
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